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Shri Dwarika-Dhish Mandir
The Dwarkadhish temple, touted as one of the holiest temples in the city of Mathura, is famous all over the country for its elaborate architecture and paintings. Built only in the year 1814, the temple is relatively new but has managed to gain the scared impression by the grace of the almighty deity housed inside it. Situated within the perimeter of the city's holy gate, near the ghats of River Yamuna, the whole temple and its surrounding is a hub of a lot of interesting activities. Thousands of devotees that here every day to experience the divine aura of the opulent temple.
श्री द्वारकाधीश मन्दिर मथुरा नगरी के बीचोबीच, यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। श्री द्वारकाधीश मन्दिर की भावियता देखते ही बनती है। एक बार मन्दिर देख लेने पर मन्दिर से नजर ही नहीं हटती है। मन्दिर मैं सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते ही भगवन श्री राजा अधिराज द्वारकाधीश जी महाराज के दर्शन होते है। जिनके दर्शन करते ही मन मैं अपने आप भक्ति जागने लगती है। ऐसा लगता है जैसे भगवन श्री कृष्णा के (सकचत) दर्शन हो रहे हो। श्री द्वारकाधीश जी के अतियन्त सुन्दर बिग्रह के बाये श्री रूखमणी जी बिराज मान है। श्री राजा अधिराज के आसपास लडुगोपाल और श्री राधा कृष्णा के अन्य बिग्रह बिराजमान है। श्री द्वारकाधीश मंदिर मैं श्री भगवन श्री कृष्णा के और भी मंदिर है। मंदिर मैं भगवन श्री सलेगिराम और श्री गरिराज महाराज के मंदिर भी है।
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